मोबाइल चार्जर कैसे काम करता है ? How does a mobile charger work?

 मोबाइल चार्जर कैसे काम करता है ?

How does a mobile charger work? 

मोबाइल चार्जर कैसे काम करता है ?  How does a mobile charger work?


हम सब लोग मोबाइल को चार्जर से चार्ज करते हे। पर बहुत कम लोग ये जानते होंगे की मोबाइल चार्जर कैसे काम करता है , इसमें क्या क्या इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पोनेन्ट लगे होते है। तो इस आर्टिकल के जरिये आपको मोबाइल चार्जर कैसे काम करता है,से जुडी सारी जानकारी देने वाले है।

Table of Contents

• मोबाइल चार्जर में प्रयोग होने वाले सिद्धांत

• म्यूचल इंडक्शन क्या है (Mutual Induction)

• ए.सी. वोल्टेज क्या होता है (AC Voltage)

• डी.सी. वोल्टेज क्या होता है (DC Voltage)

• मोबाइल चार्जर के कॉम्पोनेन्ट और उनके काम

• ट्रांसफार्मर (Transformer)

• डायोड (Diode)

• (1) फॉरवार्ड बॉयस (Forward Bias):

• (2) रिवर्स बॉयस (Reverse Bias):

• फ़िल्टर (Filter)

मोबाइल चार्जर के कॉम्पोनेन्ट और उनके काम

ट्रांसफार्मर (Transformer)

यह म्यूचल इंडक्शन सिद्धांत पर काम करता हैं।इसमें दो वाइंडिंग होती हे जिसे कोइल भी कहते हैं। जिस वाइंडिंग पर इनपुट दिया जाता हे वो प्राइमरी वाइंडिंग कहलाती हे और जिस पर से आउटपुट लिया जाता हे वो सेकेंडरी वाइंडिंग कहलाती हे।

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इसका काम ए.सी. वोल्टेज को कम या ज्यादा करना होता हे।अगर ट्रांसफार्मर प्राइमरी वाइंडिंग में दिए हुए ए.सी. इनपुट वोल्टेज को सेकेंडरी वाइंडिंग में बड़ा देता हे तो उसे स्टेप-अप ट्रांसफार्मर कहते है और ये अगर वोल्टेज को कम कर देता हे तो इसे स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर कहते हे।

मोबाइल चार्जर में स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर का उपयोग होता है

डायोड (Diode)

डायोड मे टो टर्मिनल एनोड कैथोड होते हैं यह करंट को केवल एक ही दिशा में प्रवाहित करता है ये कई प्रकार के होते हैं।मोबाइल चार्जर में सामान्यतया पी-एन जंक्शन डायोड का उपयोग किया जाता है जो सिलीकन या जर्मीनियम अर्धचालक से मिलकर बना होता है।डायोड दो मोड में काम करता है फॉरवार्ड बॉयस और रिवर्स बॉयस।




(1) फॉरवार्ड बॉयस (Forward Bias):

इस मोड में पी-एन जंक्शन डायोड का पी टर्मिनल या एनोड टर्मिनल बैटरी के पॉजिटिव टर्मिनल से कनेक्ट होता है तथा एन टर्मिनल या कैथोड बैटरी के नेगेटिव टर्मिनल से कनेक्ट होता है इस मोड में डायोड में बहुत अधिक करंट फ्लो होती है।

(2) रिवर्स बॉयस (Reverse Bias):

इस मोड में पी- एन जंक्शन डायोड पी टर्मिनल या एनोड टर्मिनल बैटरी के नेगेटिव टर्मिनल से कनेक्ट होता हे तथा एन टर्मिनल या कैथोड बैटरी के नेगेटिव टर्मिनल से कनेक्ट होता हे।इस मोड में बहुत नगण्य करंट फ्लो होती हे।

डायोड का मुख्य कार्य ए सी वोल्टेज को डी सी वोल्टेज में परिवर्तित करना होता है जिसे दिष्टकारी भी कहते हे।

फ़िल्टर (Filter)

जैसा की नाम से पता चल रहा हे फ़िल्टर मतलब छानना। मोबाइल चार्जर में फ़िल्टर के रूप में कैपेसिटर का उपयोग किया जाता हे।

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रेगुलेटर (Regulator)

रेगूलेटर का मतलब होता हे फिक्स सप्लाई प्रधान करना।अगर आउटपुट में लगातार परिवर्तन होता रहता हे तो हम रेगुलेटर का उपयोग करते हे।रेगुलेटर के रूप में हम कांस्टेंट करंट सोर्स तथा कांस्टेंट वोल्टेज सोर्स का उपयोग करते हे।

 

मोबाइल चार्जर की कार्यप्रणाली

अब हम जानते है की मोबाइल चार्जर कैसे काम करता है । हमारे घरो में 230 ए सी वोल्टेज (AC Voltage) आता हे।जब हम चार्ज के पिन को ये सप्लाई देते हे तो ट्रांसफार्मर इस सप्लाई को काम कर देता हे हमने यहां स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर का उपयोग किया है।

जब यह डाउन वोल्टेज डायोड के इनपुट में दिया जाता हे तो यह ए सी वोल्टेज (AC Voltage) डी.सी वोल्टेज (DC Voltage)में कन्वर्ट हो जाता है।


• रेगुलेटर (Regulator)

• मोबाइल चार्जर की कार्यप्रणाली

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मोबाइल चार्जर में प्रयोग होने वाले सिद्धांत

म्यूचल इंडक्शन क्या है (Mutual Induction)

म्यूचल इंडक्शन का मतलब होता हे की अगर किसी वाइंडिंग में करंट परिवर्तित हो रही हे, तो उसके कारण उसके पास वाली वाइंडिंग में मैग्नेटिक फील्ड चेंज होता हे जिसके कारण उस वाइंडिंग में वोल्टेज उत्पन्न हो जाता है।

इस सिद्धांत का उपयोग मोटर,ट्रांसफार्मर तथा इलेक्ट्रीक कंपोनेंट में भी किया जाता है।

ए.सी. वोल्टेज क्या होता है (AC Voltage)

ए.सी. वोल्टेज वह वोल्टेज होता हे जो समय के साथ परिवर्तित होता रहता है।

डी.सी. वोल्टेज क्या होता है (DC Voltage)

डी.सी. वोल्टेज वह वोल्टेज होता हे जो समय के साथ परिवर्तित नहीं होता हे मतलब कांस्टेंट रहता है।

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